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बेरोजगार युवा।

 भगवान ने हमें जीवन एक बार दिया है ।हमें जीवन में कुछ ऐसा कार्य करना चाहिए ताकि लोग हमें याद रखें और हमारे समाज ,देश का गौरव बढ़े। ज्यादातर लोगों की सोच यही है कि किसी भी प्रकार छोटी-मोटी नौकरी प्राप्त करके जीवन यापन कर लें । आज का कुंठित युवा दिशाहीन है। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद भी उसका जीवन का लक्ष्य स्पष्ट नहीं हो पता। यह हमारी शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ी कमी है। जितना रुझान सरकारी नौकरियों का अपने देश में उतना विदेश में नहीं है। विदेश में युवा खुद का व्यवसाय करके करोड़पति बन रहे हैं। लेकिन हमारे युवाओं को ठीक से प्रार्थना पत्र भी लिखना नहीं आता। यदि सरकार इस दिशा में कदम उठाए एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए तो यह स्थिति बदल सकती है। आज एक चपरासी की भर्ती के लिए पीएचडी धारी के आवेदन आते हैं। यह दशा बड़ी सोचनीय है।